Tuesday, July 26, 2016

सजगता ही ध्यान है

जुलाई २०१६ 
एक बार एक व्यक्ति एक संत के पास गया अपने जीवन की परेशानियाँ कहीं और उनसे शांति का मार्ग पूछा. संत ने कहा,  ध्यान ! उस व्यक्ति ने कहा एक शब्द में आपने मेरे इतने सारे सवालों का जवाब दे दिया, कुछ और कहें, संत ने दो बार कहा, ध्यान, ध्यान. पुनः उस व्यक्ति ने कहा, विस्तार से कहें. संत ने तीन बार कहा, ध्यान, ध्यान, ध्यान. ध्यान से ही सजगता आती है. असजगता ही दुःख है और सजगता ही सुख है.

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