Tuesday, May 19, 2015

एक रहस्य ही है जीवन

फरवरी २००९ 
ध्यान का फल ज्ञान है, संसार में हमें जिसका ज्ञान मिल जाता है, ध्यान हट जाता है, क्योंकि ध्यान ज्ञान बन जाता है. वैज्ञानिक में भी योगी जैसे एकाग्रता होती है. योगी का ध्यान हटता नहीं क्योंकि परमात्मा हमेशा रहस्य बना रहता है, वह हर कदम पर आश्चर्य उत्पन्न होने की स्थिति पैदा कर देता है ! जितना ज्ञान मिलता है उतना ही अज्ञानी होने का भाव दृढ़ होने लगता है. पदार्थ में जोड़ा ज्ञान व्याकुलता को जन्म देता है, क्योंकि अब जानने को कुछ नहीं बचा और जो सब कुछ है उसका ज्ञान मिला नहीं है. अपनी इस व्याकुलता को भूलने के लिए मानव क्या-क्या नहीं करता, वह इधर-उधर के कामों में स्वयं को लगाये रखकर उस प्रश्न से बचना चाहता है. वह जगत को दोनों हाथों से बटोर कर अपनी मुट्ठी में कैद करना चाहता है, पर वह कर भी नहीं पाता क्योंकि जगत में सभी कुछ नश्वर है. तब भी हम जागते नहीं बल्कि नींद के उपाय किये जाते हैं. योग ही इस नींद से जगाता है. 

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